पहले स्वतंत्रता संग्राम 1857 में कुमाऊँ के शूरवीरों ने हल्द्वानी से अंग्रेजों को मार भगाया था..हल्द्वानी में किया था कब्जा..अंग्रेज भागकर पहाड़ चढ़कर नैनीताल भागे और वहां जान बचाई..फिर अंग्रेजों ने कुटिल चालों से जुल्म किए नैनीताल के फांसी गधेरे में कई अनाम स्वतंत्रता सेनानियों को फांसी पर लटकाया ..जब आज से 15-16 वर्ष पहले नैनीताल दैनिक जागरण ब्यूरो का इंचार्ज का कार्य तो पहले स्वतंत्रता संग्राम की 150 वीं वर्षगांठ थी..तब कुमाऊं में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास खंगाला तो नैनीताल में यह वीरता का गौरवशाली इतिहास पन्नों में मिला..वाकई पहली बार आपके इस अपने को भी पता चला..बहुत कुछ इतिहास को आम जनता तक नहीं लाया गया..उससे अनभिज्ञ रहे..आज नैनीताल ब्यूरो इंचार्ज के समय के पल में यह 11 मई 2008 को प्रकाशित स्टोरी…अपनों के बीच..देवभूमि उत्तराखंड में पत्रकारिता के कुछ पुराने पल…आपका अपना रवींद्र सिंह धामी