कैंची धाम एक हनुमान मंदिर और आश्रम है जिसे 1960 के दशक में महान संत श्री नीम करोली बाबा द्वारा स्थापित किया गया था। जो एक छोटी नदी किनारे हल्द्वानी अल्मोड़ा सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। हर साल जून के महीने मे यहाँ पर मेला लगता है जिसमें लाखों लोग यहाँ पर आते हैं ।साल भर आप किसी भी समय यहाँ जा सकते है। वीकेंड और होलीडे पर थोड़ा भीड़ होती है। अस्थायी पार्किंग की व्यवस्था उपलब्ध है। हर बजट के खानपान के पर्याप्त साधन यहाँ पर है।
जहाँ तक रहने की बात है मंदिर के नज़दीक रुकेंगे तो थोड़ा मंहगा यहाँ पर कुछ होमस्टे, लॉज, छोटे होटल्स है (खर्च 500 से 3000 प्रतिदिन )। मगर रहने के लिए पास के शहर भवाली, भीमताल और नैनीताल मे पर्याप्त हर बजट के होटल रिसोर्ट की भरमार है ।
हल्द्वानी/ काठगोदाम से कैंची धाम लगभग 45-50km की दूरी पर है जहाँ तक पहुचने मे सामान्यतः 1.5 से 2 घण्टे लग सकते है । रेलवे स्टेशन के बाहर से आपको शेयर्ड टैक्सी मिल जाएँगी जो लगभग 150 से 200 रुपये में आपको कैंची धाम पहुँचा देगी, अगर आप बस से जाएँगे तो मात्र 70-80 रुपये में पहुँच जाएँगे और अगर आप ज्यादा लोग हैं तो 2000-2500 में अपनी टैक्सी बुक कर के भी जा सकते हैं
अगर आप उत्तराखंड से बाहर से यहां आना चाहते है तो
दिल्ली से काठगोदाम ट्रेन से आएँ(साधारण टिकट 195 रुपये)
दिल्ली के आंनद विहार बस अड्डे से हल्द्वानी तक सरकारी बस चलती है।
VIP लाइन की अभी तक तो कोई व्यवस्था नहीं है आपको लाइन मे लगना होगा। प्रसाद रूप मे लड्डू अपने साथ कहीं से भी ले जा सकते हो ज़रूरी नहीं है।
नोट-कैंची धाम मे काफी मात्रा मे श्रद्धालु रोज पहुँच रहे हैं वीकेंड पर खासकर जिस कारण ट्रैफिक बहुत हो जा रहा है सो 2 से 5 घण्टे का मार्जिन समय ले के चलें।
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